82 साल के बुजुर्ग ने अपने बच्चे की तरह प्यारे, कुत्ते की मौत के बाद स्थापित की मूर्ति।
जो लोग जानवरों से प्यार करते हैं। उनके लिए पालतू कुत्ते एक परिवार की तरह होते हैं। दुनिया ने कई बार इंसान और कुत्ते का खास रिश्ता देखा है।
जो लोग जानवरों से प्यार करते हैं। उनके लिए पालतू कुत्ते एक परिवार की तरह होते हैं। दुनिया ने कई बार इंसान और कुत्ते का खास रिश्ता देखा है। हाल ही में इसका ताजा उदाहरण तमिलनाडु से सामने आया। यहां 82 साल के एक बुजुर्ग ने अपने पालतू कुत्ते की याद में उसकी मूर्ति स्थापित की और फूल की माला चढ़ाकर उसकी पूजा की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अपने पालतू कुत्ते के प्रति अनूठा प्यार रखने वाले इस बुजर्ग का नाम मुथु है, जोकि एक सरकारी कर्मचारी थे और अब रिटायर्ड हो चुके हैं। मुथु ने शिवगंगा जिले के मनामदुरै के पास अपने कुत्ते की मूर्ति को स्थापित किया है। बता दें, मुथु का पालतू 'टॉम' अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी यादें जीवंत हैं।
Tamil Nadu | Muthu, an 82-year-old man has built a statue in memory of his dog, Tom in Sivaganga's Manamadurai.
— ANI (@ANI) April 5, 2022
"I have affection for my dog more than for my child. Tom was with me since 2010 but he died in 2021. My grandparents and father all were dog lovers," he said pic.twitter.com/TGl1FFSBaY
80,000 रुपए खर्च कर टॉम की खास मूर्ति बनवाई
मुथु, टॉम के साथ बिताए हर एक पल को हमेशा ताजा रखना चाहते हैं। यही कारण है कि उन्होंने 80,000 रुपए खर्च कर टॉम की खास मूर्ति बनवाई और उसे स्थापित किया। न्यूज एंजेसी एएनआई से बात करते हुए मुथु ने कहा, "मुझे अपने बच्चे से ज्यादा अपने कुत्ते से प्यार है। टॉम 2010 से मेरे साथ था। 2021 में उसकी मृत्यु हो गई थी''।
This marble statue has been made at a cost of Rs 80,000. We are planning to build a temple for the dog in the future. We offer food and garland the statue during auspicious days and every Friday: Manoj Kumar, son of Muthu pic.twitter.com/OoRNmicRmQ
— ANI (@ANI) April 5, 2022
मुथु के पुत्र मनोज कुमार ने भी एएनआई से बात की और कहा, ''संगमरमर की इस मूर्ति को 80,000 रुपए की लागत से बनाया गया है। हम भविष्य में अपने पालतू कुत्ते के लिए एक मंदिर बनाने की योजना बना रहे हैं। हम शुभ दिनों खासकर प्रत्येक शुक्रवार को मूर्ति पर माल्यार्पण करते हैं।''