हनुमान जी कैसे बने महाबलशाली? How did Hanuman ji become Mahabalshali?
भगवान राम जी एवं उनके परम भक्त महाबलशाली हनुमान जी के बारे में पूर्ण जानकारी वाल्मीकि रामायण एवं तुलसीकृत रामचरितमानस में ही मिल सकती है। वाल्मीकि रामायण में भगवान राम के अलावा सबसे अधिक गुणी और बलवान श्री हनुमान जी को ही बताया गया है। जिन्होंने बड़े-बड़े कार्यों को बहुत ही सरलता से पलभर में समपन्न किया है। तो आइये जानते है हनुमान जी से जुड़ी कुछ रोचक बातें आज इस वीडियो में......
हेलो दोस्तों क्या आपको पता है कि हनुमान जी को बहुत से देवताओं से वरदान प्राप्त है. जिस वजह से हनुमान जी और भी महाबलशाली बन गए.
- तो नंबर एक पर आते है सूर्य देव सूर्यदेव ने हनुमानजी को अपने तेज का सौवां भाग दिया था.
- और नंबर दो यमराज, यमराज ने हनुमानजी को वरदान दिया है कि उन्हें कभी भी यमराज का शिकार नहीं होना पड़ेगा.
- वही नंबर तीन पर कुबेर है, कुबेर ने हनुमानजी को युद्ध में कभी न परास्त होने का वरदान दिया है.
- नंबर चार पर आते है भगवान शिव, शिव जी ने हनुमान जी को किसी भी अस्त्र से न मरने का वरदान दिया है.
- नंबर पांच इंद्र, इंद्र ने उन्हें वरदान दिया कि उनके वज्र से हनुमान जी पर भविष्य में कोई भी असर नहीं पड़ेगा.
- नंबर छह पर ब्रह्मा, ब्रह्मा जी ने हनुमान जी को दीर्घायु होने का वरदान दिया है जिसमे वे अपनी इच्छानुसार कोई भी रूप धारण कर सकते है।
- वरदान की लिस्ट में नंबर सात पर विश्वकर्मा है विश्व कर्मा जी ने उन्हें वरदान दिया है कि उनके द्वारा बनाए गए जीतने भी शस्त्र है हनुमान जी पर उसका कोई असर नहीं होगा.
- नंबर आठ वरुण देव, वरुण देव ने उन्हें वरदान दिया था की दस लाख वर्ष की आयु हो जाने पर भी उनकी जल से मृत्यु नहीं हो सकेगी.
- नंबर नौ शनि देव, शनि देव ने उन्हें अपने प्रकोप से सदा मुक्त होने का वरदान दिया था.
ये था भगवान हनुमान की अपार शक्तियों का रहस्य........
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