NIA की पूछताछ में बड़ा खुलासा, PFI ने रची थी PM मोदी पर हमले की साजिश, टारगेट पर थी पटना रैली
PFI के निशाने पर PM मोदी की पटना रैली थी इस बात का NIA की पूछताछ में खुलासा हुआ। इतना ही नहीं 200 करोड़ से ज्यादा का फंड न केवल भारत के विभिन्न शहरों से बल्कि विदेशों से भी एकत्र किया जा रहा था......
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने केरल से गिरफ्तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्य शफीक पैठ से पूछताछ की है। इसमें एक बड़ा खुलासा हुआ है. शफीफ पैठ ने NIAको बताया है कि उनका निशाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना रैली थी. शरीफ के मुताबिक PFI नेता रैली के दौरान माहौल बिगाड़ना चाहते थे. इसके लिए बैनर-पोस्टर भी बनाए गए थे। ताकि उनकी रैली को बर्बाद किया जा सके।
12 जुलाई को पटना में PM Modi की रैली थी (PM Modi's rally was in Patna on 12th July)
हाल ही में NIA और ED ने PFI सदस्य को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान शफीक ने बताया कि इसी साल 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की पटना में एक रैली थी. यह रैली PFI के निशाने पर थी। रैली का माहौल खराब करने वालों को PFI ने खास ट्रेनिंग भी दी थी। जांच के दौरान यह भी पता चला है कि PFI के खाते में एक साल में करीब 120 करोड़ रुपये जमा करवाएं गए थे। और इतना ही नहीं जितना खाते में जमा की गई थी राशि उसका दोगुना नकद के रूप में वसूल किया गया।
विदेश से आ रही थी फंडिंग (funding was coming from abroad)
NIA की जांच में यह भी पता चला है कि यह करोड़ों रुपये न केवल भारत के विभिन्न शहरों से बल्कि विदेशों से भी एकत्र किए गए थे। इस पैसे का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा था।
NIA ने केरल से 22 लोगों को किया था गिरफ्तार (NIA arrested 22 people from Kerala)
इस कार्रवाई के दौरान देश के कई हिस्सों से 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया. अधिकांश गिरफ्तारियां केरल से थीं। NIA ने केरल से 22 लोगों को गिरफ्तार किया है। PFI ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पहले ही कई संगठनों का गठन किया था। जिसके जरिए PFI ने देश में अपना एजेंडा जारी रखने की पूरी योजना बनाई थी। हालांकि, जैसे ही एजेंसियों को इसकी जानकारी हुई, उन्होंने इसका भंडाफोड़ कर दिया.
PFI ने तैयार किए थे कई संगठन (PFI had prepared many organizations)
जानकारी के मुताबिक PFI ने एक-दो नहीं बल्कि आधा दर्जन से ज्यादा ऐसे संगठन बनाए हैं. आंतरिक सुरक्षा कार्यालय के उच्च-स्तरीय दस्तावेजों के अनुसार, इन संगठनों को सरकारी एजेंसी प्रतिबंधों से बचने और आतंकवादी (terrorist) एजेंडा फैलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।