Uttar Pradesh: जानिए भारत के इस पहले राज्य के बारे में, जहाँ पहली बार मुख्यमंत्री के पद पर महिला नियुक्त हुई

उत्तर प्रदेश, देश के आठ प्रधानमंत्रियों (Prime Ministers)- जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गाँधी, लालबहादुर शास्त्री, चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चन्द्रशेखर सिंह, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी का चुनाव क्षेत्र रहा ......

Uttar Pradesh: जानिए भारत के इस पहले राज्य के बारे में, जहाँ पहली बार मुख्यमंत्री के पद पर महिला नियुक्त हुई

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) भारत की जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। लखनऊ (Lucknow) प्रदेश की प्रशासनिक राजधानी और इलाहाबाद (Allahabad) न्यायिक राजधानी (judicial capital) है। उत्तर प्रदेश के दूसरे महत्त्वपूर्ण नगर- आगरा, मथुरा, अलीगढ़, अयोध्या, बरेली, मेरठ, वाराणसी (बनारस), गोरखपुर, ग़ाज़ियाबाद, मुरादाबाद, सहारनपुर, फ़ैज़ाबाद और कानपुर आदि हैं। इस राज्य के पड़ोसी राज्य हैं- उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड और बिहार। उत्तर प्रदेश की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल 2,40,927 वर्ग कि.मी. है। यह भारत का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। 9 नवम्बर, 2000 को इसमें से अलग करके उत्तरांचल राज्य का गठन किया गया था। 26 जनवरी, 1950 को भारत के गणतंत्र बनने पर राज्य को अपना वर्तमान नाम "उत्तर प्रदेश" मिला था। उत्तर प्रदेश भारत का प्रथम राज्य है, जहाँ कोई महिला मुख्यमंत्री नियुक्त हुई थी। सुचेता कृपलानी इस प्रदेश की ही नहीं अपितु भारत के किसी राज्य में मुख्यमंत्री बनने वाली प्रथम महिला थीं।


सर्वाधिक आबादी वाला प्रदेश - most populated region

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सघन आबादी वाले गंगा नदी और यमुना नदी के मैदान में बसा है। लगभग 16 करोड़ की जनसंख्या के साथ उत्तर प्रदेश केवल भारत ही नहीं, बल्कि विश्व की सर्वाधिक आबादी वाला उपराष्ट्रीय प्रदेश है। समूचे विश्व के सिर्फ़ पांच राष्ट्रों चीन, भारत, संयुक्त अमरीका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या ही उत्तर-प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश का भारतीय एवं हिन्दू धर्म के इतिहास में बहुत योगदान है। उत्तर प्रदेश आधुनिक इतिहास और राजनीति का सदैव से केन्द्र बिन्दु रहा है। यहाँ के निवासियों ने स्वतन्त्रता संग्राम आन्दोलन में प्रमुख भूमिका निभायी थी। इलाहाबाद शहर में विख्यात नेताओं- मोतीलाल नेहरू, पुरुषोत्तमदास टंडन और लालबहादुर शास्त्री आदि प्रमुख नेताओं का घर था। यह प्रदेश, देश के आठ प्रधानमन्त्रियों- जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गाँधी, लालबहादुर शास्त्री, चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चन्द्रशेखर सिंह, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी का चुनाव क्षेत्र भी रहा है।

इतिहास

उत्तर प्रदेश का ज्ञात इतिहास लगभग 4000 वर्ष पुराना है, जब आर्यों ने अपना पहला कदम इस जगह पर रखा। इस समय वैदिक सभ्यता का प्रारम्भ हुआ और उत्तर प्रदेश में इसका जन्म हुआ। आर्यों का फैलाव सिन्धु नदी और सतलुज के मैदानी भागों से यमुना और गंगा के मैदानी क्षेत्र की ओर हुआ। आर्यों ने दोब (दो-आब, यमुना और गंगा का मैदानी भाग) और घाघरा नदी क्षेत्र को अपना घर बनाया। इन्हीं आर्यों के नाम पर भारत देश का नाम आर्यावर्त या भारतवर्ष (भारत आर्यों के एक प्रमुख राजा थे) पड़ा। समय के साथ आर्य भारत के दूरस्थ भागों में फ़ैल गये। संसार के प्राचीनतम नगरों में से एक माना जाने वाला वाराणसी नगर यहीं पर स्थित है। वाराणसी के पास स्थित सारनाथ का चौखण्डी स्तूप भगवान बुद्ध के प्रथम प्रवचन की याद दिलाता है। समय के साथ यह क्षेत्र छोटे-छोटे राज्यों में बँट गया या फिर बड़े साम्राज्यों, यदुवंश,गुप्त, मोर्य और कुषाण का हिस्सा बन गया। 7वीं शताब्दी से 11वी शताब्दी तक कन्नौज गुर्जर-प्रतिहार साम्राज्य का प्रमुख केन्द्र था।

प्राचीन काल - ancient time

उत्तर प्रदेश हिन्दू धर्म का प्रमुख स्थल रहा। प्रयाग के कुम्भ का महत्त्व पुराणों में वर्णित है। त्रेतायुग में विष्णु अवतार श्री रामचन्द्र जी ने अयोध्या में (जो अभी अयोध्या जनपद में स्थित है) में जन्म लिया। राम भगवान का चौदह वर्ष के वनवास में प्रयाग, चित्रकूट, श्रंगवेरपुर आदि का महत्त्व है। भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में और पुराणों के अनुसार विष्णु के दसम अवतार का कलयुग में अवतरण भी उत्तर प्रदेश में ही वर्णित है। काशी (वाराणसी) में विश्वनाथ मन्दिर के शिवलिंग का सनातन धर्म विशेष महत्त्व रहा है। सनातन धर्म के प्रमुख ऋषि रामायण रचयिता महर्षि वाल्मीकि जी, रामचरित मानस रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी (जन्म - राजापुर चित्रकूट), महर्षि भरद्वाज जी। उत्तर प्रदेश मे कई देवियों के प्रसिद्ध मंदिर है जैसे मिर्जापुर का विंध्यवासिनी मंदिर, सहारनपुर का शाकंभरी देवी मंदिर जिसकी स्थापना ईसा पूर्व मे हुई थी।

मध्यकाल

इस क्षेत्र में हालाँकि 1000-1030 ई. तक मुसलमानों का आगमन हो चुका था, किन्तु उत्तरी भारत में 12वीं शताब्दी के अन्तिम दशक के बाद ही मुस्लिम शासन स्थापित हुआ, जब मुहम्मद ग़ोरी ने गहड़वालों (जिनका उत्तर प्रदेश पर शासन था) और अन्य प्रतिस्पर्धी वंशों को हराया था। लगभग 650 वर्षों तक अधिकांश भारत की तरह उत्तर प्रदेश पर भी किसी न किसी मुस्लिम वंश का शासन रहा, जिनका केन्द्र दिल्ली या उसके आसपास था। 1526 ई. में बाबर ने दिल्ली के सुलतान इब्राहीम लोदी को हराया और सर्वाधिक सफल मुस्लिम वंश, मुग़ल वंश की नींव रखी। इस साम्राज्य ने 350 वर्षों से भी अधिक समय तक उपमहाद्वीप पर शासन किया। इस साम्राज्य का महानतम काल अकबर (शासनकाल 1556-1605 ई.) से लेकर औरंगजेब आलमगीर (1707) का काल था, जिन्होंने आगरा के पास नई शाही राजधानी फ़तेहपुर सीकरी का निर्माण किया। उनके पोते शाहजहाँ (शासनकाल 1628-1658 ई.) ने आगरा में ताजमहल (अपनी बेगम की याद में बनवाया गया मकबरा, जो प्रसव के दौरान चल बसी थीं) बनवाया, जो विश्व के महानतम वास्तुशिल्पीय नमूनों में से एक है। शाहजहाँ ने आगरा व दिल्ली में भी वास्तुशिल्प की दृष्टि से कई महत्त्वपूर्ण इमारतें बनवाईं थीं।

आधुनिक काल

लगभग 75 वर्ष की अवधि में उत्तर प्रदेश के क्षेत्र का ईस्ट इण्डिया कम्पनी (British trading company) ने धीरे-धीरे अधिग्रहण किया। विभिन्न उत्तर भारतीय वंशों 1775, 1798 और 1801 में नवाबों, 1803 में सिन्धिया और 1816 में गोरखों से छीने गए प्रदेशों को पहले बंगाल प्रेज़िडेन्सी के अन्तर्गत रखा गया, लेकिन 1833 में इन्हें अलग करके पश्चिमोत्तर प्रान्त (आरम्भ में आगरा प्रेज़िडेन्सी कहलाता था) गठित किया गया। 1856 ई. में कम्पनी ने अवध पर अधिकार कर लिया और आगरा एवं अवध संयुक्त प्रान्त (वर्तमान उत्तर प्रदेश की सीमा के समरूप) के नाम से इसे 1877 ई॰ में पश्चिमोत्तर प्रान्त में मिला लिया गया। 1902 ई॰ में इसका नाम बदलकर संयुक्त प्रान्त कर दिया गया।