World Population: आज 8 अरब तक पहुंची दुनिया की आबादी, 2023 में चीन को पीछे छोड़ देगा भारत?
दुनिया की आबादी आज (November 15) 8 अरब (8 billion) तक पहुंच गई। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट (United Nations report) के अनुसार, नए अनुमानों से पता चला है कि 2030 तक वैश्विक आबादी (global population) लगभग 8.5 अरब तक पहुंच जाएगी। इसके साथ ही अब ये देखना है की आबादी के मामले में भारत चीन को पीछे कर पायेगा.....
दुनिया की आबादी आज (November 15) 8 अरब (8 billion) तक पहुंच गई। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट (United Nations report) के अनुसार, नए अनुमानों से पता चला है कि 2030 तक वैश्विक आबादी (global population) लगभग 8.5 अरब तक पहुंच जाएगी। संयुक्त राष्ट्र ने भी विश्व की जनसंख्या को 2050 तक 9.7 अरब और 2100 तक 10.4 अरब होने का अनुमान लगाया है। जन्म दर में वृद्धि अधिकतर उन्हीं देशों में देखी जा रही है जहाँ प्रति व्यक्ति आय बहुत कम है।
संयुक्त राष्ट्र की इस गणना के अनुसार 2023 में भारत के हाथ एक और उपलब्धि होगी और देश चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। इस समय चीन की जनसंख्या 1.44 अरब और भारत की 1.39 अरब है। ये दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं।
लेकिन, चिंता की बात यह है कि 1950 के बाद पहली बार ऐसा दौर आया है, जब जनसंख्या वृद्धि की रफ्तार बेहद धीमी हो गई है। 2020 में जनसंख्या वृद्धि की दर 1 प्रतिशत से भी कम रही है। जनसंख्या को लेकर 2022 में सामने आए यूएन के इस अनुमान के मुताबिक पिछले कुछ दशकों में कई देशों में प्रजनन क्षमता में तेजी से गिरावट आई है। दुनिया की दो तिहाई आबादी ऐसे इलाकों में रहती है जहां महिला प्रजनन दर 2.1 फीसदी से कम है।
61 देशों में जनसंख्या वृद्धि दर 1% से कम रहेगी - Population growth rate will be less than 1% in 61 countries
दुनिया की आबादी 7 अरब से बढ़कर 8 अरब होने में 12 साल लग गए। लेकिन अब इसमें 8 अरब से 9 अरब होने में करीब 15 साल लगेंगे। इससे पता चलता है कि विश्व में जनसंख्या वृद्धि की दर घट रही है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 2022 से 2050 के बीच 61 देशों या प्रदेशों की आबादी में 1 फीसदी की कमी आने का अनुमान है। इसका कारण प्रजनन क्षमता में लगातार कमी और कुछ मामलों में प्रवासी जीवन की मजबूरी बताया जा रहा है।
भारत-चीन की आबादी का अहम योगदान - Important contribution of the population of India-China
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में दुनिया में 2 सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र एशिया से हैं। इनमें 2.1 बिलियन की आबादी वाला दक्षिण-पूर्व एशिया (2.3 billion) और मध्य-दक्षिणी एशिया क्षेत्र शामिल हैं। इन दोनों इलाकों में आबादी ज्यादा होने की वजह चीन और भारत भी हैं। दोनों देशों की आबादी 1.4 अरब से ज्यादा आंकी गई है। 2050 तक दुनिया की आबादी में बढ़ोतरी का फोकस 8 देशों पर रहेगा। इसमें भारत, पाकिस्तान, कांगो, मिस्र, इथियोपिया, नाइजीरिया, फिलीपींस और तंजानिया शामिल हैं।
मृत्यु दर में गिरावट भी बढ़ी - The decline in death rate also increased
जनसंख्या वृद्धि आंशिक रूप से तब होती है जब मृत्यु दर में गिरावट होती है। विश्व स्तर पर, मृत्यु दर में भी गिरावट आई है। 2019 की जनगणना के अनुसार, दुनिया की औसत मृत्यु दर 72.8 वर्ष है। 1990 के बाद से इसमें करीब 9 साल की बढ़ोतरी हुई है। 2050 तक यह लगभग 77.2 साल तक पहुंच सकती है। यानी आने वाले समय में मृत्यु दर में और कमी आएगी और व्यक्ति की औसत उम्र बढ़ेगी।
गरीब देशों में तेजी से जनसंख्या वृद्धि - Rapid population growth in poor countries
वैश्विक जनसंख्या के आंकड़ों पर नजर डालें तो गरीब देशों में जनसंख्या वृद्धि की दर बढ़ी है। उनमें से ज्यादातर उप-सहारा अफ्रीका के देश हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार वैश्विक तापमान में वृद्धि को रोकने के लिए पेरिस समझौते के उद्देश्यों को पूरा करना आवश्यक है। इसमें सतत विकास लक्ष्यों और उत्पादन के साथ-साथ खपत के लक्ष्य को संतुलित करना आवश्यक है। जनसंख्या वृद्धि की दर को कम करने से भी पर्यावरण को होने वाले नुकसान को तेजी से कम करने में मदद मिल सकती है।