Arunachal Pradesh: China और Indian Army झड़प के बाद Tawang की खूबसूरती पर चीन की नजर
चीन (China) और भारतीय सेना (Indian Army) के बीच हुई झड़प के बाद अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) का तवांग (Tawang) एक बार फिर चर्चा में है। चीन की नजर अब तवांग (Tawang) की खूबसूरती पर है वो अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग (Tawang) पर कब्जा करने की फिराक में है.....
चीन (China) और भारतीय सेना (Indian Army) के बीच हुई झड़प के बाद अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) का तवांग (Tawang) एक बार फिर चर्चा में है। भारत (India) और चीन (China) के बीच सीमा विवाद के कारण तवांग (Tawang) में भारतीय सेना (Indian Army) के सैन्य वाहनों की आवाजाही अधिक रहती है। हालांकि तवांग (Tawang) अपनी बेमिसाल खूबसूरती और बौद्ध मठों के लिए मशहूर है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, बर्फीले पहाड़ और हरी-भरी वादियां पर्यटकों का मन मोह लेती हैं। यहां एशिया का सबसे बड़ा मठ तवांग (Tawang) भी है। यह शहर अपने बौद्ध मठों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है।
ये भी पढ़ें - 2022 Best Actors : इन 8 अभिनेताओं ने 2022 में रियल लाइफ किरदार निभाकर जीता लोगों का दिल
तवांग मठ, जिसे गोल्डन नामग्याल ल्हासे (Golden Namgyal Lhase) के नाम से भी जाना जाता है, अरुणाचल प्रदेश के मुख्य आकर्षणों में से एक है। यह मठ समुद्र तल से लगभग 3,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसे भारत के सबसे बड़े और दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मठ का दर्जा प्राप्त है। यह लगभग 400 वर्ष पुराना है जिसे 300 से अधिक बौद्ध भिक्षुओं के आश्रय स्थल के रूप में जाना जाता है।
तवांग की झीलें इस शहर की खूबसूरती को और भी आकर्षक बना देती हैं। यहां नगुला झील, सेला दर्रा, माधुरी झील, पैंगटेंग त्सो झील, हार्ट लेक, बंगा जंग झील जैसी कई झीलें हैं जो पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध हैं।
तवांग की नदियां और झरने भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। बेहद शांत और खूबसूरत नदियों के पास अक्सर लोग पिकनिक मनाने आते हैं।
ये भी पढ़ें - आखिर Swimming pool में नीली रंग वाली टाइल्स ही क्यों की जाती है इस्तेमाल ? जानिए
तवांग घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से सितंबर तक है क्योंकि यह जगह गर्मियों और मानसून में घूमने के लिए एकदम सही है। लेकिन अगर आप बर्फबारी और बर्फ से ढके पहाड़ों का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो आपको यहां सर्दियों के मौसम में जाना चाहिए। हालांकि सर्दियों में यहां का तापमान एक से तीन डिग्री के आसपास रहता है।
तवांग एक पहाड़ी इलाका है और यहां कोई एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन नहीं है। निकटतम हवाई अड्डा असम में तेजपुर है, जो तवांग से लगभग 317 किलोमीटर दूर है। आप तेजपुर से तवांग जा सकते हैं। हालांकि, देश के अन्य हिस्सों से तवांग पहुंचने के लिए गुवाहाटी एयरपोर्ट बेहतर है, जो तवांग से करीब 480 किलोमीटर दूर है। यहां से आप सड़क मार्ग से तवांग जा सकते हैं।
ये भी पढ़ें - Lilliput Village: ईरान का रहस्यमयी गांव, जिसे कहा जाता है प्राचीन ‘बौनों का शहर’
तवांग पहुंचने का सबसे लोकप्रिय और आसान तरीका सड़क मार्ग है। आप बस या कैब किराए पर लेकर तवांग पहुँच सकते हैं। तवांग में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है, इसका निकटतम रेलवे स्टेशन असम का रंगापारा है। रंगपाड़ा से तवांग की दूरी करीब 383 किलोमीटर है। इसलिए रंगापाड़ा रेलवे स्टेशन से आगे का सफर कैब या बस से करना होगा।