बिहार में फिर एकबार महागठबंधन की सरकार, आज लेंगे नीतीश-तेजस्वी शपथ
बिहार की राजनीति में एक बड़ा घमासान मच गया है। यहां सत्ता पर काबिज जनता दल यूनाइटेड (JDU) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) का गठबंधन टूट गया है। सीएम नीतीश राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफा देने के बाद नीतीश राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे। फिर वह तेजस्वी यादव के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे और सरकार बनाने का दावा किया...............
क्यों टूटा जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन?
पीएम मोदी से बढ़ती दूरी: बीते कुछ समय से खबरें सामने आ रही थीं कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और पीएम मोदी (PM Modi) के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और उनके रिश्तों में दरार आ रही है। इस खबर पर तब और जोर मिला जब रविवार को नीति आयोग की मीटिंग में भी नीतीश (Nitish Kumar) नहीं गए। इसके अलावा नीतीश बीते 4 मौकों पर बीजेपी की मीटिंग में शामिल नहीं हुए।
बीजेपी का हावी रहना और JDU के पास कम सीटों का होना: साल 2020 में जब विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए थे तो उसी समय लोगों को ये लग रहा था कि नीतीश (Nitish Kumar) ने गठबंधन किसी मजबूरी में किया है। ऐसा इसलिए भी था क्योंकि जेडीयू के पास बीजेपी से लगभग आधी संख्या में ही विधायक थे, इसके बावजूद नीतीश को सीएम पद दिया गया। ऐसे में बीजेपी हमेशा से नीतीश पर हावी रही।
चिराग पासवान और आरसीपी सिंह केस: चुनाव के दौरान पहले चिराग पासवान का मुद्दा उठा और फिर आरसीपी सिंह का। बीजेपी आरसीपी सिंह को मंत्री पद पर बनाए रखना चाहती थी, लेकिन नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने उन्हें राज्यसभा टिकट नहीं दिया। नीतीश को लगने लगा था कि बिहार में भी महाराष्ट्र जैसा खेल बीजेपी खेल रही है और उनकी पार्टी में सेंधमारी की कोशिश कर रही है। हालांकि बीजेपी उन्हें ये भरोसा दिलाने की कोशिश करती रही कि ऐसा कुछ नहीं है।
नेताओं की बयानबाजी: जेडीयू-बीजेपी गठबंधन ने राज्य में सरकार तो बना ली थी कि नेताओं का अपनी जुबान पर काबू नहीं था। बीजेपी लगातार नीतीश (Nitish Kumar) सरकार पर सवाल उठा रही थी, जिससे विपक्ष को फायदा मिल रहा था। ऐसे में नीतीश सरकार में होते हुए भी निराशा से गुजर रहे थे।
आरजेडी का स्टैंड: एक तरफ बीजेपी के साथ गठबंधन में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) निराशा महसूस कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ आरजेडी (RJD) वेट एंड वॉच की भूमिका में थी। आरजेडी इस बात को बखूबी समझती थी कि अगर नीतीश कुमार, बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ते हैं तो उनके पास आरजेडी से हाथ मिलाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। क्योंकि अगर नीतीश ने आरजेडी से हाथ नहीं मिलाया तो उनकी सरकार बिहार में गिर जाएगी।
राज्यपाल ने स्वीकार किया नीतीश कुमार का इस्तीफा
सीएम नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा दे दिया है. राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उनसे राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने का अनुरोध किया: बिहार CMO
आज शाम चार बजे शपथ ग्रहण
आज शाम चार बजे बिहार में नई सरकार का शपथ ग्रहण होगा. सरकार में सहयोगी दलों को भी शामिल किया जाएगा. डिप्टी सीएम आरजेडी से ही होगा.
रविशंकर प्रसाद क्या बोले?
बीजेपी की कोर ग्रुप की बैठक के बाद बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लालू यादव के जंगलराज और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये नीतीश कुमार बीजेपी के साथ आए थे. 2000 में बहुमत नहीं था तब भी बीजेपी ने नीतीश कुमार को सीएम बनाया. नीतीश कुमार का कहना है कि बीजेपी ने उनकी पार्टी को तोड़ने का काम किया है, यह झूठा आरोप है. 2013 में नीतीश एनडीए से अलग हुए. महागठबंधन में आए. 2017 में महागठबंधन से NDA में आए. 2022 में आज फिर वापस महागठबंधन में चले गए. मजाक बनाकर रख दिया. बीजेपी ने नीतीश कुमार की हमेशा मदद की. 2019 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जदयू को ज्यादा सीटें देने के लिये अपने सीटिंग सांसदों का टिकट काटा. 2020 में जदयू 43 सीट जीती. बिहार का विकास तेजी से हो इसके लिये बीजेपी ने नीतीश कुमार को सीएम बनाया लेकिन वह तो आज पलट गए.
बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक
बिहार बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक पटना में बीजेपी कार्यालय में चल रही है. रविशंकर प्रसाद, नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे और संजय जायसवाल समेत अन्य सदस्य मौजूद हैं. थोड़ी देर में मीडिया से बातचीत करेंगे.
नीतीश कुमार ने निडर होकर फैसला किया- तेजस्वी यादव
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता विकल्प चाहती है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला, प्रधानमंत्री के सामने इसकी मांग की थी. देश में बेतहाशा महंगाई और बेरोजगारी है. हमें देश के संविधान को बचाना है. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि देश के माहौल को खराब किया जा रहा है. नीतीश कुमार ने निडर होकर निर्णय लिया है. बीजेपी के एजेंडे को बिहार में लागू नहीं होने देना है.
बिहार को आगे बढ़ाने का काम करेंगे- नीतीश कुमार
सरकार का दावा पेश करने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे पास सात पार्टियों का समर्थन है. इसमें 164 विधायक शामिल हैं. हम लोग मिलकर काम करेंगे और बिहार को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. आरसीपी सिंह का नाम लिए बिना नीतीश कुमार ने बीजेपी पर निशाना साधा.
नीतीश के खिलाफ भाजपा का महाधरना आज
भाजपा ने मंगलवार को अपने पुराने सहयोगी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कदम पर नाराजगी जताते हुए उन पर आदतन विश्वासघात करने का आरोप लगाया। राज्य मुख्यालय में कोर कमेटी की बैठक के बाद जारी एक बयान में पार्टी ने घोषणा की कि वह बुधवार को सभी जिलों में जद (यू) नेता द्वारा विश्वासघात के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध (महाधरना) करेगी, जिसके बाद ब्लॉक स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी, जिन्होंने एक दशक से अधिक समय तक नीतीश कुमार के डिप्टी के रूप में कार्य किया था और उन्हें भाजपा में उनका सबसे भरोसेमंद व्यक्ति माना जाता है, उन्होंने नीतीश की पार्टी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
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