भगवान का अस्तित्व (The Story of Exist of God)

एक बार की बात है एक व्यक्ति इलाज के लिए डॉक्टर के पास गया| डॉक्टर और उस व्यक्ति के बीच में ऐसे ही बातें शुरू हो गई और वे लोग बातें करते-करते भगवान के विषय पर बातें करने लगे|

भगवान का अस्तित्व (The Story of Exist of God)

एक बार की बात है एक व्यक्ति इलाज के लिए डॉक्टर के पास गया| डॉक्टर और उस व्यक्ति के बीच में ऐसे ही बातें शुरू हो गई और वे लोग बातें करते-करते भगवान के विषय पर बातें करने लगे| डॉक्टर ने कहा– “मैं भगवान के अस्तित्व को नहीं मानता और इसीलिए तुम मुझे नास्तिक कह सकते हो|”

व्यक्ति ने पूछा, "तुम ऐसा क्यों कह रहे हो|"

डॉक्टर ने कहा – “बाहर जब तुम सड़क पर जाओगे तो तुम समझ जाओगे कि भगवान का अस्तित्व नहीं है| अगर भगवान होते, तो क्या इतने सारे लोग भूखे मरते? क्या इतने सारे लोग बीमार होते? क्या दुनिया में इतनी हिंसा होती? क्या कष्ट या पीड़ा होती? मैं ऐसे निर्दयी ईश्वर की कल्पना नहीं कर सकता जो इन सब की अनुमति दे|”

व्यक्ति ने थोड़ा सोचा लेकिन वह वाद-विवाद नहीं करना चाहता था इसलिए चुप रहा और डॉक्टर की बातें सुनता रहा|

डॉक्टर ने अपना काम खत्म किया और वह व्यक्ति डॉक्टर को पैसे देकर वह से चला गया| वह जैसे ही डॉक्टर के यहाँ से निकला तो सड़क पर बीमारी से पीड़ित एक व्यक्ति को देखा जिसका शरीर भी कमज़ोर दिख रहा था और ऐसा लगता था कि शायद उसने कई दिनों से दवाई नहीं ली थी|

वह व्यक्ति वापस मुड़कर डॉक्टर के पास गया और उसने डॉक्टर से कहा – “क्या तुम्हें पता है? डॉक्टरों का अस्तित्व नहीं होता|” डॉक्टर ने कहा – “तुम कैसी बेकार बातें कर रहे हो? क्या तुम्हे मैं दिखाई नहीं दे रहा? मैं यहाँ हूँ और मैं एक डॉक्टर हूँ| और मैंने अभी-अभी तुम्हारा इलाज किया है|”

व्यक्ति ने कहा – “नहीं! डॉक्टर नहीं होते हैं| अगर होते तो क्या बाहर बीमारी से पीड़ित उस व्यक्ति के जैसा कोई होता?”

डॉक्टर ने कहा – “अगर वह व्यक्ति किसी डॉक्टर के पास इलाज कराने जाएगा ही नहीं तो डॉक्टर कैसे उसका इलाज करेगा?” व्यक्ति ने कहा – “तुम बिल्कुल सही कह रहे हो, यही बात है| भगवान भी होते है लेकिन कुछ लोग भगवान पर विश्वास ही नहीं करते तो भगवान उनकी मदद कैसे करेंगे|” 


यह सुनकर डॉक्टर को उस व्यक्ति की बात समझ आने लगी और वह भगवान के अस्तित्व को भी मानने लगा|