Cancer Medicine: वैज्ञानिकों ने किया बड़ा दावा, पहली बार बनी कैंसर की दवा, जानें पूरी खबर
यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन फॉर द रिसर्च एंड ट्रीटमेंट ऑफ कैंसर (The European Organization for the Research and Treatment of Cancer) ने किया है बड़ा दावा कि वे कैंसर पैदा करने वाले जीन MYC को रोकने के लिए एक दवा बनाने में सफल रहे हैं...
यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन फॉर द रिसर्च एंड ट्रीटमेंट ऑफ कैंसर (The European Organization for the Research and Treatment of Cancer) ने दावा किया है कि वे कैंसर पैदा करने वाले जीन MYC को रोकने के लिए एक दवा बनाने में सफल रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि OMO 103 दवा ने क्लिनिकल ट्रायल के पहले चरण को सफलतापूर्वक पार कर लिया है। इससे पहले कोई अन्य दवा MYC जीन को सुरक्षित और प्रभावी ढंग से बाधित करने में सक्षम नहीं पाई गई है।
Val d'Hebron Institute of Oncology (VHIO) के अनुसार, OMO-103 को एक मिनी प्रोटीन के रूप में विकसित किया गया है। यह कोशिकाओं में प्रवेश करके कैंसर में ट्यूमर को बढ़ावा देने वाले जीन MYC को सफलतापूर्वक रोक सकता है।
कैंसर को बढ़ावा देने में MYC की भूमिका - The role of MYC in promoting cancer
स्पेनिश राजधानी बार्सिलोना में वैल डी'हेब्रोन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी में शोधकर्ता डॉ एलेना गारल्डा समेत वैज्ञानिक समिति के अन्य सदस्यों ने कहा कि MYC कैंसर को बढ़ावा देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह स्तन, प्रोस्टेट, फेफड़े और डिम्बग्रंथि जैसे कैंसर से जुड़ा हुआ है। कई आम मानव कैंसर की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वैज्ञानिक समिति के अनुसार, आज तक MYC को रोकने वाली किसी भी दवा को मंजूरी नहीं मिली है।
पहले चरण का ट्रायल - Phase I trial
अप्रैल 2021 में डॉ. गारल्डा और स्पेन के दो अन्य डॉक्टरों ने परीक्षण के पहले चरण में 22 रोगियों को शामिल किया। इन रोगियों में अग्नाशय, बृहदान्त्र और गैर-छोटे सेल फेफड़ों के कैंसर सहित कई घातक ट्यूमर थे। वैज्ञानिकों ने इन मरीजों को सप्ताह में एक बार OMO-103 की छह खुराक दी। नौ सप्ताह के बाद, एक सीटी स्कैन से पता चला कि 12 में से आठ रोगियों में, OMO-103 ने कैंसर को बढ़ने से रोक दिया और रोग गंभीर नहीं हुआ।
हल्के दुष्प्रभाव - mild side effects
वैज्ञानिकों के अनुसार OMO-103 इस उपचार में MYC जीन को सफलतापूर्वक रोकने में सफल रहा। वहीं, इसके ज्यादातर साइड इफेक्ट हल्के होते हैं, जो इस कैंसर के इलाज के दूसरे चरण कीमोथैरेपी (chemotherapy) के लिए बेहद जरूरी है।