कंटेम्प्ट केस में विजय माल्या को 4 महीने कैद, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला।
पिछले पांच से अधिक समय से ब्रिटेन में रह रहे विमानन कंपनी ‘किंगफिशन एयरलाइंस’ के पूर्व मालिक विजय माल्या (Vijay Mallya ) ने अदालत की अवमानना के मामले में उसे चार महीने की सजा देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर सोमवार को निराशा जताई।
सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को अवमानना के मामले में सोमवार को चार महीने की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि अवमानना करने वाले ने अपने किए पर ना कोई पछतावा जताया और ना ही उसके लिए माफी मांगी। कानून का शासन बनाए रखने के लिए अवमानना करने वाले को उचित सजा दिया जाना जरूरी है। माल्या पर 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जो उन्हें 4 हफ्ते में देना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो माल्या को और दो महीने जेल में बिताने होंगे। माल्या को 4 हफ्ते के अंदर 8% ब्याज के साथ 40 मिलियन डॉलर (करीब 317 करोड़ रुपए) वापस करने को भी कहा गया है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो कुर्की की कार्यवाही की जाएगी। उधर, विजय माल्या ने फैसले पर निराशा जताई। 66 साल के माल्या ने कहा कि मेरे पास सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर यह कहने के अलावा और कुछ नहीं है कि मैं जाहिर तौर पर निराश हूं।
Vijay Mallya gets 4 months jail in contempt case; USD 40 mn with interest within 4 weeks to be returned, orders SC
— Economic Times (@EconomicTimes) July 11, 2022
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9 जून 2017 को अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए विजय माल्या ने अपने तीनों बच्चों के नाम 40 मिलियन डॉलर ट्रांसफर कर दिए थे। इसके बाद माल्या को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया था। विमानन कंपनी 'किंगफिशन एयरलाइंस' के पूर्व मालिक विजय माल्या पिछले पांच से अधिक समय से ब्रिटेन में रह रहे हैं। माल्या के खिलाफ सजा सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह जेल की सजा काटने के लिए भगोड़े कारोबारी की उपस्थिति सुनिश्चित करे, जो 2016 से ब्रिटेन में है।
माल्या को अवमानना के लिए 2017 में ठहराया था दोषी
जस्टिस यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने विजय माल्या पर 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। माल्या को अवमानना के लिए नौ मई, 2017 को दोषी ठहराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए माल्या की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका 2020 में खारिज कर दी थी। कोर्ट ने अदालती आदेशों को धता बताकर अपने बच्चों के खातों में चार करोड़ डॉलर भेजने को लेकर माल्या को अवमानना का दोषी ठहराया था।
माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक ऋण धोखाधड़ी का आरोप
अदालत की अवमानना संबंधी कानून, 1971 के अनुसार, अदालत की अवमानना पर छह महीने तक की साधारण कैद या 2,000 रुपये तक का जुर्माने या दोनों सजा हो सकती है। माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक ऋण धोखाधड़ी का आरोप है।